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चिकित्सा शिविर : 500 से ज्यादा लोगों को मिला लाभ, गांव में हेल्थ सेंटर शुरू करने की योजना

रायपुर । भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायपुर और प्रण्यास फाउंडेशन के सहयोग से रायपुर के पोंथा गाँव में चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। शिविर में अस्थि रोग, चिकित्सा, प्रसूति एवं स्त्री रोग, दंत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा से संबंधित आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएँ पोंथा, चेरिया और बंजारी गाँवों के निवासियों को दी गई। शिविर से 40 वर्ष से अधिक आयु के 500 से ज्यादा ग्रामीणों को लाभ मिला।
ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच की कमी एक बड़ी चुनौती है। इस शिविर में एम्स रायपुर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने विशेष परामर्श एवं उपचार प्रदान किया, जिससे गाँवों के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और उन्हें समग्र देखभाल सुनिश्चित की गई।
आईआईएम के निदेशक प्रोफेसर राम कुमार काकानी ने कहा, “हमें यह समझना होगा कि उच्च शिक्षण संस्थानों और अकादमिक उत्कृष्टता केंद्रों को समाज में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। सभी को मिलकर समुदाय को जागरूक करना होगा और इस तरह के स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन करना होगा, ताकि छत्तीसगढ़ और आईआईएम जैसे संस्थान एक साथ प्रगति कर सकें।”


शिविर के सफल आयोजन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एम्स रायपुर के उप नर्सिंग अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार जेक्का ने कहा, स्वास्थ्य शिविर से आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिला है। हमारा मुख्य लक्ष्य उन आदिवासी क्षेत्रों में सिकलसेल रोग पर ध्यान केंद्रित करना है, जहाँ यह अधिक प्रचलित है। हम भविष्य में रक्तदान शिविर आयोजित करने और बच्चों एवं बाल रोग से संबंधित मुद्दों को कवर करने की भी योजना बना रहे हैं।
पोंथा गाँव के सरपंच गौरव शर्मा ने कहा, “गाँवों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ स्थापित करने के लिए यह एक बहुत अच्छी पहल है। हमारे यहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की उचित सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं। भविष्य में यदि इस सुविधा को बढ़ाया जाए, दवाओं की मात्रा बढ़ाई जाए और सेवाओं में सुधार किया जाए, तो इससे हमारे गाँववासियों को बहुत सहायता मिलेगी। फिलहाल, उन्हें अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए 10-20 किलोमीटर दूर निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में जाना पड़ता है।”
प्रण्यास फाउंडेशन के प्रतिनिधि राहुल शर्मा ने कहा, “हम एम्स रायपुर और भा.प्र.सं. रायपुर के सहयोग से इन गाँवों में एक अस्थायी या स्थायी चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जो आसपास के 3-4 गाँवों के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य सहायता प्रणाली के रूप में कार्य करेगा और धीरे-धीरे उनकी स्वास्थ्य समस्याओं को कम करेगा।

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