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लोगों को नशिली और नकली दवाओं से बचाने बनाया विल्की मेडिकार्ट, लोगों को मेडिसिन की जानकारी भी मिलेगी

रायपुर । देश में नशीली और नकली दवाओं का बड़ा मार्केट है, जिससे काफी खतरनाक परिणाम भी देखने को मिलते हैं। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए शहर के अलीशेर राईन ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जिसकी मदद से नशीली और नकली दवाओं से लोगों को बचाया जा सकता है। उन्होंने विल्की मेडिकार्ट एप डेवलप किया है, जो अभी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है। इससे देश की मध्यम वर्ग की पीसीडी फार्मा कंपनियों, होलसेलर्स और रिटेलर्स को एक प्लेटफॉर्म में लाने के साथ ही आम जनता को भी फायदा होगा। एप में लोगों को दवाओं की जानकारी के साथ ही इमरजेंसी में क्या करें, क्या न करें, नजदीक कौन से हॉस्पिटल में किस तरह की कौन सी इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध है, जैसी जानकारी भी मिलेगी। एप लोगों को गलत-सही दवाओं की जानकारी भी देगा।

दवा के लिए भटकने की जरूरत नहीं

अलीशेर राईन ने बताया कि एप में शहर के सभी मेडिकल स्टोर को स्टॉकिस्ट और फार्मा कंपनियों से जोड़ा जा रहा है। इसका फायदा मेडिकल स्टोर्स को मिलेगा कि अब उन्हें भटकने की जरूरत नहीं है। बस दवाई का नाम या कंपनी का नाम डालते ही पता चल जाएगा कि किस स्टॉकिस्ट के पास कौन सा प्रोडक्ट उपलब्ध है। साथ ही आम पब्लिक को भी इसका लाभ मिलेगा। अब लोगों को दवाओं के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। एप में सर्च करने पर जानकारी मिल जाएगी कि दवा किस मेडिकल शॉप में उपलब्ध है। इसके अलावा, एप में शहर के सभी डॉक्टरों को भी जोड़ा जा रहा है, जिससे यदि किसी व्यक्ति को किसी डॉक्टर की जरूरत हो तो वह एप में देखकर जान सकता है कि किस डॉक्टर का कितना अनुभव है और उनकी योग्यता क्या है।

दवाओं में रहेगी पारदर्शिता

उन्होंने बताया कि एप के माध्यम से जब कोई रिटेलर दवा की खरीददारी करेगा तो उसकी जानकारी डेटा में सुरक्षित रहेगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी और नकली व नशीली दवाओं पर रोक लगाई जा सकेगी। जरूरत पड़ने पर इसकी जानकारी प्रशासन से भी साझा की जा सकेगी। अभी तक एप से जुड़ने के लिए 550 से अधिक पीसीडी कंपनियों के रिक्वेस्ट आ चुके हैं, लेकिन अभी हमने सिर्फ 42 कंपनियों को ही जोड़ा है। सभी कंपनियों के ड्रग और फूड सर्टिफिकेट की जांच करने के बाद ही उन्हें एप में शामिल किया जा रहा है, ताकि कोई भी फर्जी कंपनी इसमें न आ सके। कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी तरह की दवा बेची जाती है, जिससे कई बार गलत दवाएं लोगों तक पहुंच जाती हैं। विल्की मेडिकार्ट इस समस्या को हल करेगा।

बिजनेस को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने एप करेगा मदद

अगर किसी घटना के दौरान किसी व्यक्ति को तुरंत इलाज की जरूरत हो तो एप में यह देखा जा सकता है कि नजदीकी हॉस्पिटल में इमरजेंसी सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं। इससे लोगों की जान बचाई जा सकेगी क्योंकि कई हॉस्पिटलों में इमरजेंसी सुविधाएं नहीं होतीं, जिससे मरीज को समय पर इलाज नहीं मिल पाता। साथ ही, विल्की मेडिकार्ट को एक ‘वन-स्टॉप फार्मा सॉल्यूशन’ के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे पीसीडी फार्मा कंपनियों, होलसेलर्स और रिटेलर्स को भी लाभ मिलेगा। एप फार्मा बिजनेस को डिजिटल रूप से आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

कभी साइकिल खरीदने के पैसे नहीं थे, मछली मंडी में वजन उठाने का काम भी किया

अलीशेर राईन ने दिल्ली के सरकारी स्कूल से पढ़ाई की और रायपुर से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने बताया कि बचपन में आर्थिक परेशानियों के कारण वे साइकिल तक नहीं खरीद सके। उन्होंने शुरुआत में मछली मंडी में वजन उठाने, बिहार में कपड़ों की दुकान पर सेल्समैन का काम किया। कॉलेज के दौरान मेडिकल स्टोर में काम किया, जहां से उन्हें मार्केटिंग और इससे जुड़ी चुनौतियों के बारे में जानने काे मिला। कुछ वर्षों तक इस क्षेत्र में काम करने के बाद उन्होंने खुद का होलसेल मेडिकल बिजनेस शुरू किया। लेकिन कोविड-19 के दौरान उन्हें सबसे बड़ा झटका लगा। इस दौरान उन्होंने महसूस किया कि जब हर चीज़ डिजिटल हो सकती है, तो फार्मा सेक्टर क्यों नहीं? इसी सोच के साथ उन्होंने ‘विल्की मेडिकार्ट’ की नींव रखी। इसके लिए उन्होंने गहरी रिसर्च की और इसे शुरू किया। एनआईटी ने विल्की मेडिकार्ट को अपने इनक्यूबेशन प्रोग्राम में भी शामिल किया है। साथ ही विल्की मेडिकार्ट के मोबाइल ऐप का उद्घाटन पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री, सांसद बृजमोहन अग्रवाल और रायपुर एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों ने किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और ओयो के संस्थापक रितेश अग्रवाल ने उनके स्टार्टअप की सराहना की और ऑफिस पहुंचकर प्रोत्साहित किया।

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