रायपुर । शिक्षा विभाग की ओर से सभी शिक्षकों से पिछले पांच साल का अचल संपत्ति विवरण मांगा गया है लेकिन शिक्षक इसमें सुस्त नजर आ रहे है। जिसके चलते शिक्षा अधिकारियों ने ऐसे शिक्षक जिन्होंने जानकारी नहीं दी है उन्हें स्पष्टिकरण मांगा और कार्य जल्द पूरा करने के लिए कहा है। ऐसा न करने वाले शिक्षक पर अनुशास्नात्मक कार्यवाही भी की जाएगी। जानकारी के अनुसार, राज्य की न्यायधानी यानी बिलासपुर में अब तक लगभग 53 फीसदी शिक्षकों ने ही अपना डाटा ऑनलाइन अपलोड किया है। जो कि पूरे 33 जिलाें में सबसे कम है। राजधानी रायपुर डाटा अपलोड न करने के मामले में 8वें नंबर पर है। यहां लगभग 33 फीसदी शिक्षकों ने डाटा ही नहीं दिया है। जिसके चलते शिक्षा अधिकारी द्वारा इसे तत्काल पूरा करने का आदेश जारी किया गया है। डाटा देखे तो 33 जिलाें में से 17 जिले 90 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षकों ने अपना डिटेल जमा किया है।
– डिटेल न देने में वालों में लगभग 61 फीसदी 8 जिले से, इसमें रायपुर भी
जानकारी के अनुसार, राज्य में कार्यरत 1 लाख 92 हजार 482 में से 1 लाख 65 हजार 110 यानी 85.78 शिक्षकों ने अपना डाटा तो अपलोड तो किया है लेकिन 27 हजार 372 शिक्षकों ने कोई डाटा नहीं दिया है। इसमें से 8 जिले तो ऐेसे है जिसे विभाग ने रेड लाइन में रखा है यहां के लगभग 39 फीसदी यानी लगभग 16 हजार इन्हीं जिलों में है। जिसमें रायपुर भी शामिल है। जो संख्या के हिसाब से देखे तो 8 जिलों में चौथे नंबर पर हैं।
– जानकारी देने में धमतरी सबसे आगे
डाटा के अनुसार, सभी 33 जिलों में जानकारी देेने में धमतरी जिले के शिक्षक सबसे आगे है यहां के 6324 शिक्षकों में से 6321 यानी 99.95 फीसदी जानकारी दे चुके है। उसके बाद रायगढ़ में 98.83 प्रतिशत, बीजापुर में 98.72 प्रतिशत, राजनांदगांव में 98.69 प्रतिशत, बलरामपुर में 97.95 प्रतिशत ने जानकारी दी है। वहीं पिछड़े जिलों की बात करें तो सबसे कम बिलासपुर में 53.51 प्रतिशत, नारायणपुर में 54.26 प्रतिशत, बस्तर में 55.39 प्रतिशत, दंतेवाड़ा में 64.11 प्रतिशत है। ऐसे ही रायपुर में 77.37 फीसदी शिक्षकों ने जानकारी अपलोड की है।
– जल्द जानकारी न देने पर होगी कार्यवाही

शिक्षा अधिकारी ने जानकारी देेने के लिए लेटर भी जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि शिक्षक वरिष्ठता संबंधी अतिरिक्त जानकारी, ऑनलाइन अवकाश स्वीकृति एवं पांच वर्ष का अचल संपत्ति विवरण का ऑनलाइन अपलोड करने का कार्य आपके द्वारा नहीं किया जा रहा है। जिससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है। आपके द्वारा उच्च अधिकारियों के आदेश निर्देशों की अवहेलना किया जा रहा है। जो कर्तव्य के प्रति उदासिनता और स्वेच्छाचारीता को दर्शाता है। उक्त कार्य को तत्काल पूूर्ण कर कार्यालय को अवगत कराए, नहीं करने पर अनुुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।