कवर्धा प्रभारी बीईओ संजय जायसवाल का एक और कारनामा
रायपुर। कवर्धा प्रभारी बीईओ संजय जायसवाल का एक और कारनामा सामने आया है। बीएड कॉलेज रायपुर और डीईओ द्वारा मूल शाला के लिए कार्यमुक्त किए अपने रिश्तेदार प्रधानपाठक को संजय जायसवाल ने कवर्धा शहर के नजदीक शाला में नियम विरुद्ध संलग्न किया है। जानकारी के अनुसार इस शाला लगभग 20 विद्यार्थी है और 2 शिक्षक पहले से पदस्थ है।

ज्ञात हो कि कवर्धा विकासखण्ड के प्राथमिक शाला जिंदा में पदस्थ प्रधान पाठक मिथिला जायसवाल विभागीय बीएड रायपुर में कर रही थी। बीएड पूर्ण करने के बाद उसे मूल शाला जिंदा के लिए कार्यमुक्त किया गया था। जिला शिक्षा अधिकारी ने भी उसे मूल शाला जिंदा हेतु आदेशित किया परन्तु प्रभारी बीईओ संजय जायसवाल ने मिथिला जायसवाल को प्राथमिक शाला में कार्यभार कराने के बजाय कवर्धा शहर के नजदीक प्राथमिक शाला तालपुर में अध्यापन कार्य हेतु आदेशित कर दिया। जानकारिंकी अनुसार शासन द्वारा संलग्नीकरण प्रतिबंधित है तथा बीईओ को किसी को भी संलग्न करने का अधिकार नहीं है फिर भी बीईओ ने एक प्रधान पाठक को साल भर से संलग्न करके लाभ पहुचाया है।
कुछ शिक्षको ने बताया कि प्रभारी बीईओ ने लगभग 10 शिक्षकों का अवैधानिक रूप से अटैचमेन्ट किया है। उनका यह भी कहना था कि संजय जायसवाल की नियुक्ति नियम विरुद्ध हुई है वह मूल रुप से व्याख्याता एल बी हैं जो कि बीईओ के लिए पात्रता नहीं रखते हैं।
इसके पूर्व कवर्धा के बी आर सी द्वारा इस बीईओ के द्वारा 15 प्रतिशत कमीशन मांगे जाने का लिखित शिकायत भी किया गयाअध्यापन व्यवस्था का क्या है नियम- शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय शाला में अन्य शालाओं के अतिशेष शिक्षकों का अध्यापन व्यवस्था कलेक्टर के अनुमोदन से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा किया ही किया जा सकता है