अंतर्राष्ट्रीय मंच में रायपुर के अजमान ने किया भारत का प्रतिनिधित्व
इस्तांबुल में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवी मंच (आईवीएफ) 2025 में रायपुर के सैयद अज़मान अली मदनी ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। हेडवे इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक अलायंस द्वारा आयोजित आईवीएफ 2025 में दुनिया भर के 80 से अधिक युवा परिवर्तनकर्ताओं, संयुक्त राष्ट्र से जुड़े विशेषज्ञों और नेताओं को वैश्विक चुनौतियों के लिए जन-केंद्रित समाधान तैयार करने के लिए शामिल हुए थे। अजमान युवाओं के नेतृत्व वाली जनसेवा, सामाजिक प्रभाव के लिए प्रौद्योगिकी, मानवाधिकार और अंतर्राष्ट्रीय कानून, संघर्ष और संघर्षोत्तर क्षेत्रों में स्वयंसेवा जैसे विषय के कार्यशाला, टॉक में शामिल हुए। अजमान बेंगलुरु में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर के छात्र, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के स्वयंसेवक और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत विकासशील भारत के यंग लीडर हैं। 14-17 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम के बाद वे रायपुर लौटे इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम से संबंधित जानकारी भी साझा की।

कार्यक्रम में 15 अगस्त को अपने उदबोधन में कहा कि मैं भारत से हूं। भारत और पाकिस्तान के बीच काफी टेंशन रही हैं। सीमाएं हमें विभाजित कर सकती हैं और राजनीति दीवारें खड़ी कर सकती है, लेकिन मानवता का सार सार्वभौमिक है। कैलाश सत्यार्थी (भारत) और मलाला यूसुफ़ज़ई (पाकिस्तान) से प्रेरणा लेते हुए, जिन्होंने कभी नोबेल पुरस्कार के मंच को साझा किया था। उन्होंने कहा कि एकता, करुणा और मानवता का सार विभाजन से कहीं ज़्यादा मज़बूत हैं। उन्होंने कहा, बदलाव लाने की अपनी क्षमता पर विश्वास रखें, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, आगे बढ़ते रहें। इस दौरान उन्होंने शायर अल्लामा इक़बाल की मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना… पंक्ति भी कही।